संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में उन दस लाख तिब्बती बच्चों के बारे में बात की गई, जिन्हें चीन ने उनके परिवारों से अलग कर दिया। अब बोर्डिंग स्कूलों में उनका ब्रेन वॉश किया जा रहा है।