बिहार में जातीय गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिस पर करीब 500 करोड़ रूपए खर्च करेंगी। और ये प्रक्रिया मई 2023 तक पूरी भी हो जाएगी। जानिए आखिर क्या है जातीय गणना के पीछे नीतीश सरकार का मकसद।